00 दुर्घटना के फैक्ट्री मालिक दोषी तो प्रशासन भी जिम्मेदारी से नहीं बच सकता
00 प्रत्येक मृतक के परिजन को 25 लाख और घायलों को 2 लाख मुआवजे की मांग
भिलाई / स्टील मेटल एण्ड इंजीनियरिंग वर्कर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एचएस मिश्रा ने बेमेतरा जिले के पिरदा में स्थित स्पेशल ब्लास्ट प्रायवेट लिमिटेड बारुद फैक्ट्री में 25 मई को हुए हृदय विदारक अग्नि दुर्घटना को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि दो साल पहले सुरक्षा खामियों का हवाला देकर बंद बारुद फैक्ट्री को फिर से शुरू करने का मामला संदेहास्पद है। इसकी गहराई से जांच होनी चाहिए। इस दुर्घटना के लिए फैक्ट्री मालिक अगर दोषी है तो प्रशासन भी जिम्मेदारी से बच नहीं सकता। श्री मिश्रा ने दुर्घटना में प्रत्येक मृतक के परिवार को 25 लाख और घायलों को 2 लाख रुपए मुआवजा देने की मांग रखी है। वहीं सभी घायलों को स्वस्थ होने तक निशुल्क रुप से बेहतर उपचार सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
प्रदेश के वरिष्ठ श्रमिक नेता एचएस मिश्रा ने पिरदा के बारुद फैक्ट्री में हुई दुर्घटना को प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा करार दिया है। उन्होंने कहा कि किसी भी दुर्घटना के बाद प्रशासन की नींद टूटती है। जबकि समय समय पर निरीक्षण के दौरान नजर आने वाली खामियों को तत्काल दूर करने की दिशा में प्रशासन को प्रयास करना चाहिए। श्री मिश्रा ने मिल रही जानकारी का हवाला देते हुए बताया कि बेरला एसडीएम पिंकी मनहर ने सप्ताह भर पहले ही पिरदा के बारुद फैक्ट्री का निरीक्षण किया था। इस दौरान फैक्ट्री संचालन का वैध लाइसेंस देखकर ही प्रशासनिक दायित्व का निर्वहन कर लिया गया। अगर निरीक्षण में श्रम कानून का पालन और सुरक्षा मापदण्ड का बारीकी से अवलोकन किया गया होता और उसके सुधार के लिए फैक्ट्री मालिक को निर्देशित किया जाता तो हो सकता था जो दुर्घटना हुई वह नहीं होती। इस मामले में फैक्ट्री मालिक पर तत्काल एफआईआर दर्ज किया जाना चाहिए।
श्री मिश्रा ने बताया कि वर्ष 2022 में सुरक्षा का पर्याप्त इंतजाम नहीं होने का हवाला देकर जिस बारुद फैक्ट्री को प्रशासन ने बंद करवा दिया था, उसे फिर से संचालित करने का आदेश किसने और किस आधार पर दिया गया, यह अपने आपमें विचारणीय और जांच का विषय है। संचालक औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा की जिम्मेदारी बनती है कि दफ्तर में बैठने के बजाय फैक्ट्रियों का वे समय समय पर निरीक्षण किया करें। पिरदा की हृदय विदारक दुर्घटना से सबक लेते हुए छत्तीसगढ़ की अन्य सभी बारुद फैक्ट्रियों में जाकर प्रशासनिक अधिकारियों को निरीक्षण करना चाहिए। ताकि पिरदा जैसी दुर्घटना की पुनरावृत्ति न हो सके। उन्होंने यह भी बताया कि एचएमएस यूनियन की टीम शीघ्र ही प्रदेश भर में संचालित बारुद फैक्ट्रियों का निरीक्षण करने जाएगी। इस दौरान वहां काम करने वाले मजदूरों को दी जाने वाली सुविधा और सुरक्षा सहित अन्य पहलुओं पर फोकस रहेगा।
उन्होंने कहा कि फिलहाल पिरदा में हुए दुर्घटना में मृत मजदूरों के परिवार को फैक्ट्री मालिक की ओर से 10 लाख एवं प्रशासन द्वारा 5 लाख रुपए मुआवजा देने का निर्णय लिया गया है। मुआवजे की यह राशि पर्याप्त नहीं है। श्री मिश्रा ने दिवंगत मजदूरों के परिवार को 25-25 लाख रुपए मुआवजा देने की मांग रखी है। वहीं घायलों के लिए 2 लाख रुपए मुआवजा राशि तय करते हुए उनके समुचित उपचार की निःशुल्क व्यवस्था सुनिश्चित करने का आग्रह शासन प्रशासन से किया है।