दिल्ली में बड़े एनजेसीएस नेताओं के बायोमेट्रिक्स के लिए हस्ताक्षर करने के बाद भिलाई में चेलों का नाटकीय विरोध


बीएसपी वर्कर्स युनियन की साप्ताहिक बैठक में आरएफआईडी (बायोमेट्रिक्स) को लेकर मंथन हुआ, जिसमें आरएफआईडी (बायोमेट्रिक्स) के लिए एनजेसीएस युनियनों और सेल प्रबंधन की भीतरी साठगांठ उजागर हुई।

*बीएसपी वर्कर्स युनियन के अध्यक्ष उज्जवल दत्ता ने कहा कि 2014 के वेतन समझौते में ही एनजेसीएस युनियनों ने बायोमेट्रिक्स के लिए लिखित समर्थन दे दिया था और इसके बाद इस साल 30 मई को हुई एनजेसीएस मीटिंग में भी एनजेसीएस युनियनों ने बायोमेट्रिक से उपस्थिति होने पर ही बढ़े हुए रात्रि भत्ता मिलने के लिए लिखित सहमति दी थी, अब ये किस मुंह से इसका विरोध कर रहे है। अगर बायोमेट्रिक का विरोध करना था, तो सबसे पहले दिल्ली में ही करना था, अभी यहाँ कर्मचारियों के सामने इसका विरोध का नाटक कर रहे हैं।*

*इसके आगे दत्ता जी ने कहा कि एक तरफ दिल्ली में सभी एनजेसीएस युनियनो के वरिष्ठ नेता बायोमेट्रिक के लिए सेल प्रबंधन के साथ हाँ में हाँ मिलाते हैं और दुसरी तरफ यहाँ प्लांट में उनके चेले श्रमायुक्त के पास इसके विरोध में परिवाद लगाते है। एनजेसीएस युनियन नेताओं के इस दोगलेपन को अब सभी बीएसपी कर्मचारी समझ रहें हैं  और उनमें इसको लेकर रोष भी है। एनजेसीएस युनियन के लोकल नेताओं को चैलेंज करते हुए बीएसपी वर्कर्स युनियन अध्यक्ष ने कहा कि पाँचो एनजेसीएस युनियन के लोकल नेता दिल्ली में स्थित अपने अपने वरिष्ठ नेताओं से बायोमेट्रिक्स के विरोध में पहले लिखित सहमति लाएं या फिर अपने बुजुर्ग नेताओं को दिल्ली स्थित सेल काॅरपोरेट आॅफिस में एक साथ लिखित विरोध करने बोलें, उसके बाद यहाँ विरोध प्रदर्शन करें। दिल्ली में हाँ और भिलाई में ना का नाटक ना करें।*

*बायोमेट्रिक्स को लेकर बीएसपी प्रबंधन की अपूर्ण तैयारी पर निशाना साधने हुए दत्ता ने कहा कि बायोमेट्रिक्स सिस्टम लगाने की हडबडी में बीएसपी प्रबंधन बीएसपी कर्मचारियों के लिए सुव्यवस्थित और स्वादिष्ट हायजिनिक तरीके से पके हुए खाने वाले कैंटिन, साफ- सुथरे टायलेट और आरामदायक रेस्टरुम की व्यवस्था करना भुल गया। प्लांट में आज भी कर्मचारी पाॅम आयल में पके अनहायजीनिक खाना खाने के लिए मजबूर है जबकि अधिकांश कर्मचारियों को शिफ्ट ड्यूटी के कारण बीपी और शुगर की शिकायत है। बहुत सारे टायलेट्स में लाइट के साथ साथ दरवाजे भी गायब है। कार्य के दौरान थके हुए कर्मचारियों के आराम के लिए कुलर अथवा एसी वाला आरामदायक रेस्टरुम की जगह पुराने और खंडहर रेस्ट रुम है। प्लांट के सभी एंट्री गेट के पास ट्रकों की बेतरतीब पार्किंग ड्यूटी आने वाले कर्मचारियों के लिए खतरनाक और दुर्घटना को बुलावा देने वाला है।*

*उज्जवल दत्ता ने आगे बताया कि इस्पात भवन में बड़े अधिकारियों ने अपने लिए इंडियन काॅफी हाऊस का कैंटिन, हाॅयटेक एवं साफ सुथरे टायलेट्स और उत्कृष्ट कार्यक्षेत्र बना रखा है। वहीं दुसरी ओर प्लांट के अंदर काम करने वाले कर्मचारी और अधिकारी प्रबंधन की दूषित व्यवस्था का शिकार है। प्लांट के अंदर बहुत सारे अधिकारी बायोमेट्रिक्स के साथ काम करने और करवाने में परेशानी होने की बात कह रहे हैं और इसे नाॅन वर्क्स एरिया के अधिकारियों की अनभिज्ञता का परिणाम बता रहें है।*
बैठक में प्रमुख रूप से, यूनियन अध्यक्ष उज्जवल दत्ता, महासचिव खूबचंद वर्मा, कार्यकारी महासचिव शिव बहादुर सिंह, अतिरिक्त महासचिव टी डीलेश्वर राव, उपाध्यक्ष अमित बर्मन ,शैलेश सिंन्हा, उप महासचिव मनोज डडसेना, सी नरसिंह राव, जितेंद्र यादव, सुरेश सिंह, आशीष श्रीवास्तव, सहायक महासचिव विमल कांत पांडे, के एल अहिरे,लुमेश कुमार, प्रदीप सिंह, मंगेश हरदास, सुभाष चंद्र महाराणा, संदीप सिंह ,राजकुमार सिंह, सचिव रवि शंकर सिंह, रविंद्र सिंह, सुजीत सोनी, डी के गिरी,डीपी सिंह, डी आर सोनवानी आदि उपस्थित थे l


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