कृष्णा पब्लिक स्कूल, नेहरू नगर में चार दिवसीय सी.बी.एस.ई. क्लस्टर-2 बैडमिंटन प्रतियोगिता 2024 का आगाज़


स्वास्थ्य ही धन है। जीवन में सफल होने के लिए शारीरिक व मानसिक रूप से मजबूत होना आवश्यक है। यह व्यक्ति को अनुशासित सक्रिय व जीवंत बनाता हैं इससे लोगों में टीम वर्क और समन्वय की भावना का विकास तो होता ही है साथ ही खेल से जुड़ा व्यक्ति हार को भी सहर्ष स्वीकार कर लेता है।


इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए छ.ग. के कृष्णा पब्लिक स्कूल नेहरू नगर में सी.बी.एस.ई. क्लस्टर-2 का चार दिवसीय बैडमिंटन प्रतियोगिता का आगाज 05.09.2024 को हुआ। जिसमें उड़ीसा, वेस्टबंगाल, छ.ग. के 150 सी.बी.एस.ई. स्कूलों के आयु वर्ग 14, 17 तथा 19 के छात्र-छात्राओं की टीमों के लगभग 1000 से अधिक खिलाड़ी उनके टीम मैंनेजर, मैच रैफरी, राष्ट्रीय स्तर के निर्णायक शामिल हुए।

सर्वप्रथम शाला प्रांगण में उपस्थित सभी खिलाड़ियों ने खेलभावना व ईमानदारी से खेलने तथा नियमों का उल्लंघन न करने की शपथ ली।

गणमान्य अतिथि व खिलाड़ियों तथा अन्य जनों का स्वागत गार्ड ऑफ ऑनर देकर किया गया। तत्पश्चात् छात्रों के उत्साह और मनोबल बढ़ाते हुए सी.बी.एस.ई. का ध्वाजारोहण किया गया।

भारतीय परंपरा के अनुसार कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि संगीता राजगोपालन स्टेट गवरमेंट के फॉरेस्ट डिपार्टमेंट में अस्स्टेिंट डायरेक्टर स्पोर्ट्स, विशिष्ट अतिथि श्री जयंत देवांगन इंटरनेशनल खिलाड़ी, व जूही एकेडमी के कोच, सी.बी.एस.ई. पर्यवेक्षक श्री सचिन खाम्परिया, संस्था के चेयरमेन श्री एम.एम. त्रिपाठी, वाइस चेयरमेन श्री आनंद त्रिपाठी, प्राचार्या श्रीमती सविता त्रिपाठी, डायरेक्टर श्री आलोक त्रिपाठी तथा अन्य गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति में द्वीप प्रज्वलित कर किया गया, इसके उपरांत सभी गणमान्य अतिथियों को हरियाली का प्रतीक पौधा प्रदान कर स्वागत किया गया। तत्पश्चात शाला के छात्रों द्वारा स्वागत गीत की प्रस्तुति दी गई।

इस अवसर पर शाला की प्राचार्या श्रीमती सविता त्रिपाठी ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि वर्तमान में छात्रों के सर्वांगीण विकास हेतु पढ़ाई व खेल दोनों ही महत्वपूर्ण हैं। आज विश्वपटल पर सभी प्रकार के खेल अपना विशिष्ट स्थान प्राप्त कर चुके हैं। हाल ही में हुए ओलंपिक गेम में भारत के खिलाड़ियों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन कर कई पदक जीत हमारे देश को गौरवान्वित किया। यहाँ उपस्थित सभी खिलाड़ियों के लिए मेरी यही शुभकामनाएँ हैं कि आप सभी अपने खेल का बेहतर प्रदर्शन करें। मुझे पूरा विश्वास है कि भविष्य में आप ही भारत के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी होंगे तथा आप अपना और देश कानाम रोशन करेंगे।

विशिष्ट अतिथि श्री जयंत देवांगन जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि वर्षों से खेलजगत में रहते हुए मैंने यह पाया कि एक खिलाड़ी हर प्रकार से स्वस्थ रहता हैं चाहे वह शारीरिक हो मानसिक हो या सामाजिक। समाज में भी उसकी अहम भूमिका होती है खेल के माध्यम से ही मैं आज तक सम्मानित होते आया हूँ इसलिए अपने खिलाड़ियों को यह सीख देना चाहता है, कि खेल में हार जीत तो होती है लेकिन खेल ही हमें संघर्ष करने की क्षमता प्रदान करता हैं। निरंतर जूझने का भाव ही उसे एक दिन विजय दिलाता है। एक खिलाड़ी ही होते हैं जो अपनी हार को भी सहर्ष स्वीकार करते हैं।

मुख्य अतिथि संगीता राजगोपालन ने खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए कहा कि सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी बनने के लिए निरंतर अभ्यास और अनुशासन का पालन करना अनिवार्य है। खेल में अनुशासन ही हमारे खेल को और परिपक्व करके निखारता है।

संस्था के वाइस चेयरमेन श्री आनंद कुमार त्रिपाठी जी ने अपने वक्तव्य में खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि खिलाड़ियों की निगाहें अपने लक्ष्य पर होना चाहिए। जिस प्रकार अर्जुन ने केवल चिड़िया की आँख को ही देखा था, उसी प्रकार आपका ध्यान भी अपने लक्ष्य की ओर टिका रहे। खेल के प्रति आपका समर्पण देख मुझे तो आप में से ही कोई भविष्य का साइना नेहवाल या कितांबी श्रीकांत तथा अन्य दिग्गज खिलाड़ी नजर आ रहे हैं।

अपनी खेल प्रतिभा का लोहा मनवाने पहुँचे सभी खिलाड़ियों द्वारा अनुशासित तरीके से जोश और उत्साह के साथ मार्चपास्ट किया गया। कृष्णा पब्लिक स्कूल के छात्र-छात्राओं द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों तथा म्यूजिक के माध्यम से ड्रील की मनमोहक प्रस्तुति दी गई।

सभी गणमान्य अतिथियों द्वारा रंग-बिरंगे गुब्बारों को खुले आसमान में छोड़ा गया जिससे छात्रों के हौंसले बुलंदियों को छूने के लिए प्रोत्साहित हुए।

सभी गणमान्य अतिथियों को शाल तथा श्रीफल प्रदान कर सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि द्वारा शिक्षक दिवस की शुभकामनाएँ प्रेषित करते हुए खेल के शुभारंभ की घोषणा की गई। आज बैडमिंटन कोर्ट में अंडर 14, 17 और अंडर 19 खिलाडियों के बीच मैच कराया गया। इस दौरान सभी खिलाड़ी उत्साह से भरे दिखाई दे रहे थे। प्रतियोगिता के पहले दिन रोमांचक खेल देखने को मिला। सभी खिलाड़ी अपनी-अपनी टीम का उत्साहवर्धन करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे थे। दर्शक दीर्घा की तालियाँ खिलाड़ियों के मनोबल बढ़ाने में सहायक सिद्ध हो रही थी।

संपूर्ण कार्यक्रम को सफल बनाने में समस्त क्रीड़ा शिक्षक, संगीत व नृत्य शिक्षक तथा अन्य शिक्षक-शिक्षिकाओं का योगदान सराहनीय रहा।


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